तो खुद जाना जरूरी नहीं होगा :
यूरिन की जांच से अगर कोरोना संक्रमितों के बारे में पता लगेगा तो पीड़ित को काफी आसानी होगी। अबतक मुंह व नाक से सैंपल लेने के कारण खुद जाना जरूरी होता था। अगर यूरिन से यह संभव हुआ तो जरूरी नहीं है कि संबंधित व्यक्ति खुद जांच कराने पहुंचे।
आंखों से भी संक्रमण का जताया था खतरा :
मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में आंखों से कोरोना संक्रमण होने पर भी शोध किया जा रहा है। माना गया था कि आंखों से निकलने वाला तरल पदार्थ व आंसुओं में कोरोना संक्रमण का आरएनए पाया जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना था कि संक्रमित की आंखों से निकलने वाला तरल पदार्थ व आंसू नाक की नली व मुंह तक पहुंच जाते हैं। नाक व मुंह के जरिए वह दूसरे व्यक्ति को भी संक्रमित कर सकता है।