नौतन विधानसभा. हाँ वही सीट जहाँ से जीतकर केदार पांडे बिहार के मुख्यमंत्री बने. एक समय कांग्रेस का गढ़ रहा यह विधानसभा सीट अभी बीजेपी के पास है.
यह वह सीट है जिसपर बीजेपी, जदयू, कांग्रेस, राजद, और रालोसपा सबकी पैनी नज़र थी. लेकिन NDA में यह सीट बीजेपी के पास और UPA में यह सीट कांग्रेस के खाते में आई.
एक और पोलिटिकल फ्रंट बना रालोसपा, बसपा, और अन्य पार्टियों का और यह सीट मिली रालोसपा को. उपेंद्र कुशवाहा इस सीट को काफी महत्वपूर्ण मानते हैं और उन्होंने इस सीट से नौतन के जमीनी नेता नंदकिशोर कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है.
वहीं बीजेपी से नारायण शाह मैदान में हैं. आपको लग रहा होगा मुकाबला रालोसपा और बीजेपी के बिच हैं. लेकिन नौतन विधानसभा के कहानी में एक ट्वीस्ट हैं मनोरमा प्रसाद, जदयू के टिकट से पूर्व विधायक अबकी बार निर्दलीय मैदान में रहेंगी.
राजनितिक विशेषज्ञों का मानना है की जिस प्रकार बीजेपी जदयू को घेरने के लिए चिराग पासवान वाले लोजपा को उसके विरुद्ध मैदान में उतरा है. वैसे ही नितीश अपने नेताओं को निर्दलीय लड़ा रहे हैं.
जानकर दवा कर रहे हैं की इस बार बिहार में किसी भी गठबंधन को पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाएगा. ऐसे में उपेंद्र कुशवाहा, पप्पू यादव, और निर्दलीय विधायकों का खूब महत्त्व होगा.
नौतन विधानसभा सीट पर NDA में सब ठीक नहीं है. मनोरमा प्रसाद के चुनाव मैदान में आने के बाद NDA जदयू और बीजेपी में बंट जायेगा. ऐसे में जो तीसरा चेहरा उभर कर आता है वह है नंदकिशोर कुशवाहा का.
नंदकिशोर कुशवाहा इस मौके को कितना भुना पाएँगे यह वक्त बताएगा, लेकिन नौतन में उनका जमीनी जुड़ाव बहुत अच्छा है. ये गन्ना किसानों से लेकर युवाओं में बेरोज़गारी के मुद्दे पर जहाँ सरकार को घेर रहे हैं वहीं मौजदा विधायक पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहते हैं कि सड़क और पानी का काम इसलिए नहीं हुआ क्यूंकि मौजूदा विधायक भ्रष्टाचार में लिप्त हैं.
क्या सोच रही है बिहार की जनता यह आप इस वीडियो में देखें:
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