सोमवार की देर रात लखनऊ से लौटे पीड़ित परिजनों ने कहां की उन्हें अब कुछ राहत महसूस हो रही है ,लेकिन जब तक उन्हें पूरी तरह से न्याय नहीं मिलेगा वे अपने कलेजे के टुकड़े की अस्थियों को विसर्जित नहीं करेंगे।
हाथरस में हुई हैवानियत की जांच करने के लिए मंगलवार को पहुंची सीबीआई की टीम ने लगभग चार घंटे तक गांव बूलगढ़ी में डेरा डाला। जांच दल ने लगभग पौने तीन घंटे तक घटनास्थल (बाजरे के खेत) का कोना-कोना छान मारा। युवती की चिता जलाने के स्थान का भी मौका-मुआयना किया। पीड़िता के घर परिजनों से पूछताछ करने के बाद टीम युवती के भाई को साथ लेकर चली गई। करीब पौने चार घंटे तक पूछताछ करने के बाद टीम ने उसे गांव भेज दिया।
इस हाईप्रोफाइल केस की जांच कर रहा दल सुबह पौने ग्यारह बजे चंदपा कोतवाली पहुंचा। डिप्टी एसपी सीमा पाहुजा की अगुवाई में 15 सदस्यीय जांच दल ने इस मामले से जुड़े पुलिसवालों से पूछताछ की। इसके बाद अफसरों का काफिला गांव के लिए रवाना हुआ। सीबीआई की टीम के पहुंचने से पहले ही स्थानीय पुलिस-प्रशासन ने गांव के सभी नाकों पर भारी फोर्स तैनात कर दिया। घटनास्थल की बैरीकैडिंग करा दी। अनजान लोगों को गांव में घुसने से रोक दिया, ताकि टीम को जांच में कोई व्यवधान पैदा न हो।
पौने तीन घंटे घटनास्थल पर बिताए टीम ने
जांच दल सबसे पहले घटनास्थल यानि बाजरे के खेत में पहुंचा। टीम के सदस्यों ने पूरे खेत का कौना-कौना छान मारा। पूरे खेत की ढंग से पैमाइश की गई।स्थानीय पुलिस को दूर रखा गया। फोरेंसिक दल ने कई नमूने मौके से उठाए। काफी देर तक डिप्टी एसपी टीम के साथ मंत्रणा करती रहीं। इसके बाद पीड़िता के भाई को खेत में बुलाया और उसकी जुबानी पूरी घटना सुनी। टीम ने उसे बाजरे के खेत में घुमाया ताकि यह स्पष्ट हो सके कि पीड़िता कहां घास काट रही थी। आरोपी किधर से खेत के अंदर आये। कैसे उसे खेत में खींचकर ले गये। मौका-ए-वारदात उसे खड़ा करके वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के बीच उससे पूछताछ की गई। इसके बाद टीम ने पीड़िता की मां और चाची को भी घटनास्थल पर बुलवाया और पूछताछ की। यहां लगभग पौने तीन घंटे बिताने के बाद जांच दल यहां से निकल गया।
चिता जलाने के स्थान पर की गहन पड़ताल
घटनास्थल से निकलने के बाद टीम सीधे परसौली मार्ग स्थित उस खेत पर पहुंची जहां शव जलाया गया था। चिता से राख और कुछ अस्थियों को कब्जे में ले लिया। कार्यवाही में मीडिया को कई मीटर दूर रखा गया। इस मौके पर टीम ने मौके से कुछ नमूने भी उठाए। उस समय मौके और आसपास मौजूद गांववालों से भी टीम के सदस्यों ने पूछताछ की। यहां लगभग चालीस मिनट बिताने के बाद टीम यहां से रवाना हो गई।
आधा घंटे तक पीड़िता के घर परिजनों के साथ
जांच दल इसके बाद गांव में पीड़िता के घर पहुंचा। टीम के प्रवेश के बाद मेन गेट बंद करा दिया गया। टीम के पहुंचने से पहले मीडिया को वहां से कुछ दूर कर दिया गया। टीम ने आधा घंटे तक परिजनों से बातचीत की। बताया जाता है की टीम ने घर की भी बारीक नजरों से पड़ताल की। यहां से टीम उस केन को भी ले गई है, जिसमे केरोसिन बताया गया है, जबकि प्रशासन ने दावा किया था कि उसमें गंगा जल था। यहां घर के सदस्यों से एक-एक करके जानकारी करने के बाद टीम रवाना हो गई।
पौने चार घंटे की पूछताछ करने के बाद टीम ने छुड़वा दिया
सीबीआई जांच दल पीड़िता के परिजनों से बात करने के बाद लड़की के छोटे भाई को अपने साथ लेकर चली गई। भाई को साथ ले जाने से परिजन और अन्य लोग भी चौंक गए। सीबीआई ने आगरा रोड पर ही कृषि विभाग के कार्यालय को अपना कैंप कर्यालय बनाया है। पीड़िता के भाई को टीम वहीं पूछताछ के लिए ले गई है। पीड़िता के भाई को टीम मंगलवार को तीन बजकर 55 मिनट पर अलीगढ़ रोड पर कृषि कार्यालय परिसर में बने अपने कैम्प ऑफिस पर लेकर आई। रात करीब पौने आठ बजे उसे गांव में छोड़ने के लिए टीम यहां से रवाना हो गई।
सीबीआई पहुंचने से पहले पिता की तबियत बिगड़ी
सीबीआई जांच दल के गांव पहुंचने से पहले ही पीड़िता के पिता की तबियत खराब हो गई। बीपी कम होने के कारण बेहोशी आने लगी। इस पर आनन-फानन में सीएमओ डा. ब्रजेश अपनी टीम के साथ गांव पहुंचे और उपचार दिया। बाद में पिता को सीएचसी में भर्ती कराया गया, जहां आधा घंटे बाद छुट्टी दे गई। दोपहर बाद पीड़िता की मां की भी तबियत खराब हो गई। उन्हें भी चिकित्सका सेवा उपलब्ध कराई गई।
न्याय मिलने के बाद अस्थियों का विसर्जन करेगा परिवार
सोमवार की देर रात लखनऊ से लौटे पीड़ित परिजनों ने कहां की उन्हें अब कुछ राहत महसूस हो रही है ,लेकिन जब तक उन्हें पूरी तरह से न्याय नहीं मिलेगा वे अपने कलेजे के टुकड़े की अस्थियों को विसर्जित नहीं करेंगे।
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