षष्ठी को रखते हैं निर्जला व्रत-
छठ पूजा के दिन षष्ठी को व्रती को निर्जला व्रत रखना होता है। यह व्रत खरना के दिन शाम से शुरू होता है। छठ यानी षष्ठी तिथि के दिन शाम को डूबते सूर्य को अर्घ देकर अगले दिन सप्तमी को सुबह उगते सूर्य का इंतजार करना होता है। सप्तमी को उगते सूर्य को अर्घ देने के साथ ही करीब 36 घंटे चलने वाला निर्जला व्रत समाप्त होता है। छठ पूजा का व्रत करने वालों का मानना है कि पूरी श्रद्धा के साथ छठी मइया की पूजा-उपासना करने वालों की मनोकामना पूरी होती है।
छठ पूजा की तिथियां-
18 नवंबर 2020, बुधवार- चतुर्थी (नहाय-खाय)
19 नवंबर 2020, गुरुवार- पंचमी (खरना)
20 नवंबर 2020, शुक्रवार- षष्ठी (डूबते सूर्य को अर्घ)
21 नवंबर 2020, शनिवार- सप्तमी (उगते सूर्य को अर्घ)
ध्यान दें: षष्ठी को सूर्यादय 06:48 बजे और सूर्योस्त 05:26 बजे पर होगा। षष्ठी तिथि 19 नवंबर को रात 09:59 बजे से प्रारम्भ होगी जो 20 नवंबर को रात 09:29 बजे तक रहेगी।