बताया जाता है कि टीम ने तीनों की लोकेशन, सबसे पहले सूचना कैसे मिली। सबसे पहले क्या किया। खेत से जिला अस्पताल और वहां से एएमयू ट्रामा सेंटर ले जाने का पूरी जानकारी तीनों से ली। मौका-ए-वारदात पर कौन लोग मौजूद थे आदि के बारे भी गहनता से पूछताछ करने के हुए तीनों के बयानों का मिलान कराया गया। पूछताछ का यह सिलसिला शाम लगभग सात बजे तक चलता रहा। इसके बाद स्थानीय प्रशासन पिता-पुत्रों को अपने वाहन से उन्हें गांव बूलगढ़ी छोड़ आया। गौरतलब है कि सोमवार को भी सीबीआई की टीम ने गांव में घंटों बिताने के बाद पीड़िता के बड़े भाई से कैंप कार्यालय में चार घंटे तक पूछताछ की थी। सीबीआई के कैंप कार्यालय पर इस दौरान सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए। प्रशासन ने भी पूरी सतर्कता बरती।